Foreign में Investment या Study की प्लानिंग कर रहे हैं और विदेश मंत्री एस जयशंकर की ये बातें नहीं सुनी तो जरुर सुनें ये टिप्स आपको बहुत बड़े नुकसान से बचाएगी आइए जानते हैं विदेश मंत्री के सबसे जरुर सुझाव।
बता दें कि पिछले कई सालों लागातार भारत से लोग बड़े पैमाने पर विदेशों में Investment करते हैं तथा विदेशों में Study के लिए भी विभिन्न देशों में जाते हैं। लेकिन हाल के दौरान कई बार ऐसा देखा गया कि दो देशों के बीच जारी युद्ध में जब छात्र किसी देश में फंस जाते हैं। तो उस समय उन्हे वहां सुरक्षित स्वदेश वापस लाना तथा किए गए इन्वेस्टमेंट को सुरक्षित कर पाना काफी कठिन हो जाता है। ऐसे में यदि किसी भी देश में Investment या Study करने की सोच रहे हैं। तो विदेश मंत्री एस जयशंकर द्वारा दिए गए सुझाव को ध्यान में रखकर कुछ खास रिसर्च के बाद ही कोई स्टेप लेना चाहिए।
Contents
- 1 Foreign में Investment और Study के दौरान कैसे फंस जाते हैं लोग?
- 2 किन किन देशों में फंसे भारतीय प्रवासी?
- 3 भारत की धारती से कौन कौन से ऑपरेशन चलाए गए?
- 4 भारतीय विदेश मंत्री ने क्या टिप्स दिए?
- 5 ज्यादातर भारतीय छात्र विदेश में कहां पढ़ते हैं?
- 6 भारत में कितने लोग विदेश में काम करते हैं?
- 7 भारतीयों को विदेश नीति में लेनी चाहिए रुचि एस जयशंकर
Foreign में Investment और Study के दौरान कैसे फंस जाते हैं लोग?
वैसे तो Foreign में लोगों के कई तरह के इंट्रेस्ट होते हैं जैसे विदेशों में नौकरी करना, पढाई करना, या इन्वेस्टमेंट करना, टूरिंग के लिए जाना, या किसी रिसर्च के लिए जाना, ऐसे में सबसे ज्यादा प्रवासी भारतीय अमेरिका में रहते हैं जिनकी संख्या लगभग 40 लाख के आस पास है इसी तरह से कई और देशों में भी लोग रहते हैं। लेकिन ये संख्या बताने का मकशद हाल के दिनों में कई देश ऐसे भी रहे जिनमें युद्ध के हालात बने और युद्ध हुए भी जिसके चलते कई भारतीय प्रवासियों के जान मॉल दोनो का नुकसान देता हुआ दिखाई दिया गनीमत इस बात की रही कि भारत की बढ़ती ताकत और वैश्विक संबध मजबूत होने की वजह से इन्हें सुरक्षित कई अलग अलग ऑपरेशन तहत बचाया गया लेकिन युद्ध की स्थिति के दौरान हुए नुकसान की भरपाई नही हो पाती है। और जिनके पास इंफ्रास्ट्रक्चर, घर, दुकान होता है उनकी तो हालत तो आप समझ ही सकते हैं।
किन किन देशों में फंसे भारतीय प्रवासी?
बीते कुछ सालों से चल रहें रूस और यूक्रेन की जंग में फंसे 18,282 के लगभग की संख्या में भारतीय लोगों को भारत सरकार द्वारा ऑपरेशन गंगा के तहत सुरक्षित स्वदेश लाया गया था जिनमें से यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे छात्रों की संख्या सबसे अधिक थी। इसके अलावा इजराइल फिलिस्तीन युद्ध के दौरान गाजा पट्टी से 212 प्रवासियों को ऑपरेशन अजय के तहत सुरक्षित भारत लाया गया। भारत में प्रवासियों को बचाने के लिए चलाए गए ऑपरेशन की संख्या काफी लंबी है। भारत सरकार की अलग सुरक्षा एजेंसियों ने पिछले कई सालों में कई बड़े और खतरनाक रेस्क्यू ऑपरेशन्स को अंजाम दिया है। वैसे तो कोई भी भारतीय या अन्य देशों के प्रवासी किसी देश में फसने पर कठिन परिस्थिति से गुजरते हैं लेकिन अफगानिस्तान से हुए रेस्क्यू लोगों में कुछ लोगों की फ्लाइट से गिरने का दृश्य सबसे ज्यादा दर्दनाक था।
भारत की धारती से कौन कौन से ऑपरेशन चलाए गए?
भारत ने विदेशी धरती पर फंसे भारतीय प्रवासी को सुरक्षित करने के लिए मुख्यता इन Operations को बहुत कठिन और काफी खतरनाक परिस्थितियों में अंजाम दिया गया। जिनके नाम कुछ इस तरह हैं-
• एमनेस्टी एयरलिफ्ट, 1996
• आपरेशन सुकून, 2006
• आपरेशन सेफ होम कमिंग, 2011
• आपरेशन राहत, 2015
• आपरेशन मैत्री, 2015
• ब्रसेल्स से निकासी 2016
• समुद्र सेतु ऑपरेशन, 2020
• वंदे भारत मिशन, 2021
• देवीशक्ति आपरेशन, 2021
• गंगा आपरेशन, 2022
भारतीय विदेश मंत्री ने क्या टिप्स दिए?
Indian Affairs Minister S Jaishankar द्वारा दी गई सलाह में कई सावधानियों का जिक्र करते हुए कुछ खास बातों पर रिसर्च जरूरी बताया है। विदेश मंत्री ने कहा कि यदि हम की भी देश में व्यापार, शिक्षा, अथवा रोजगार के लिए जाते हैं तो हमें निम्न प्रश्नों को ध्यान में रखना चाहिए जैसे –
• जिस देश में आप जाने वाले हैं वहां का पड़ोसी देशों के साथ सम्बंध कैसा है?
• क्या वहां की आर्थिक स्थिति कैसी है? इसके पास्ट और फ्यूचर पर रिसर्च करें।
• क्या उस देश में आपकी सुरक्षा के लिए भारतीय एंबेसी है की नही इसकी भी जानकारी होनी चाहिए।
• किसी भी आपदा या समस्या में फसने पर किस तरह से खुद को सेफ कैसे करेंगे? इसकी पहले से प्लानिंग होनी चाहिए।
• उस देश में कोई गृह युद्ध जैसी स्थित न हो इसका भी ध्यान रखें
• उस देश में आतंकवादी गतिविधियां कैसी रही हैं और वर्तमान स्थिति क्या हैं? पता कर लें।
• उस देश की कानून व्यवस्था और नियमों समझ लें जिससे आपके साथ किसी तरह का चीट न हो।
ज्यादातर भारतीय छात्र विदेश में कहां पढ़ते हैं?
भारत के सबसे ज्यादा छात्र वैसे 2021 से पहले तक इस मामले में कनाडा शीर्ष पर था। लेकिन अब के गणना के अनुसार सबसे ज्यादा छात्र संयुक्त राज्य अमेरिका में पढ़ते हैं। कनाडा की संख्या में कमी वजह हाल में भारतीय रिश्तों में आई थोड़ी खटास भी रही है। इसी तरह यूक्रेन से निकले एमबीबीएस के छात्रों के लिए अब उज़्बेकिस्तान एक विकल्प बना हुआ है।
भारत में कितने लोग विदेश में काम करते हैं?
मौजूदा स्थिति के हिसाब से पिछले सालों में भारत बेरोजगारी की चरम सीमा पर था। और लोग रोजगार के लिए अलग अलग देशों का रुख कर रहे थे। जिनमें अमेरिका, ब्रिटेन, यूएई, जैसे कुल देशों में काम करने वालों की संख्या 2021 की गणना के अनुसार लगभग 1.7 करोड़ थी।
भारतीयों को विदेश नीति में लेनी चाहिए रुचि एस जयशंकर
बता दें कि 2 मार्च को व्हाई भारत मैटर्स पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में भाग लेते हुए बताया कि दुनिया में चल रही गतिविधियां दुनिया के अन्य देश भी प्रभावित होते हैं इसीलिए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारतीय नागरिकों से विदेश नीति में रुचि लेने के लिए आग्रह किया।
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